बड़े ही अजीब हैं ये जिन्दगी के रास्ते,
अनजाने मोड़ पर कुछ लोग अपने बन जाते हैं,
मिलने की खुशी दें या न दें मगर बिछड़ने का गम जरूर दे जाते हैं!
वो मुझसे बिछड़ा तो बिछड़ गई जिंदगी,
मैं ज़िंदा तो रहा मगर ज़िंदों में न रहा!
उजड़ी हुई दुनियां को तू आबाद ना कर,
बीते हुए लम्हों को तू याद ना कर,एक कैद परिंदे ने कहा हमसे,
मैं भूल चुका हु उड़ान तू मुझे आजाद ना कर..!!!
सफर मोहब्बत का अब खत्म ही समझो,
तेरे रवइये से जुदाई की महक आती है..!!!
थका हुआ हु थोड़ा, जिंदगी भी थोड़ी नाराज है,
पर कोई बात नही ये तो रोज की बात है..!!!
धूप में निकलो घटाओं में नहा कर देखो
ज़िंदगी क्या है किताबों को हटा कर देखो
कुछ इस तरह से गुज़ारी है ज़िंदगी जैसे
तमाम उम्र किसी दूसरे के घर में रहा