मेरी दुनिया का हर शख्स मतलबी ही निकला
सिवाय एक आईने के जो वफादार निकला ।।

इज़्ज़त उसी की होती है
जो निस्वार्थ लोगों का काम करता है ।

वक्त कहाँ है किसी के पास,
जब तक कोई मतलब न हो खास !

जैसी तुम हो वैसी ही दुनिया है,
मतलबी तुम हो मतलबी दुनिया है !

कुछ यूँ वो मतलबी करार हो गया
जब उसे हर हसीं चेहरे से प्यार हो गया

वाकिफ हैं हम दुनिया के रिवाजो से !!
मतलब निकल जाये तो हर कोई भुला देता हैं !!

अगर मिलना ही है तो क़द्र करने वालो से मिलो
मतलबी लोग तो खुद तुमसे मिलने आएंगे

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